**RPSC (राजस्थान लोक सेवा आयोग)** के कर्मचारी भी
**SOG (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप)** की जांच के दायरे में आ गए हैं।
यह प्रकरण पहले से ही गंभीरता से देखा जा रहा था, लेकिन अब जांच का दायरा बढ़ाते हुए RPSC के कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। SOG की टीम इस बात की पड़ताल कर रही है कि क्या इस लीक में किसी अंदरूनी व्यक्ति का हाथ था या फिर किसी कर्मचारी की मिलीभगत से पेपर लीक हुआ है।
इस प्रकार के प्रकरणों में पहले भी कई बार आयोग के अंदर से ही पेपर लीक होने की घटनाएँ सामने आई हैं, और इसे रोकने के लिए प्रशासन को कठोर कदम उठाने की ज़रूरत है।
**SI भर्ती पेपर लीक प्रकरण** राजस्थान में एक गंभीर मुद्दा बन चुका है। इस प्रकरण में अब तक कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, और यह माना जा रहा है कि इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और साजिशें शामिल हैं। **RPSC** के कर्मचारी जांच के दायरे में आने से मामले की गंभीरता और बढ़ गई है, क्योंकि यह सीधे तौर पर परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल खड़े करता है।
**SOG** की टीम अब यह जांच कर रही है कि पेपर लीक किस स्तर पर हुआ और इसमें कौन-कौन लोग शामिल थे। इसके साथ ही, यह भी देखा जा रहा है कि पेपर लीक का कोई संगठित नेटवर्क तो नहीं है, जो लगातार विभिन्न परीक्षाओं को प्रभावित कर रहा हो। कई बार ऐसे मामलों में बिचौलियों और बाहरी एजेंट्स की भूमिका सामने आती है, जो मोटी रकम लेकर पेपर लीक कराते हैं और बेरोजगार युवाओं का भविष्य खतरे में डालते हैं।
इस प्रकरण में SOG के द्वारा विभिन्न राज्यों में भी जांच की जा रही है, क्योंकि इस मामले का संबंध राजस्थान के बाहर से भी हो सकता है।
राज्य सरकार इस प्रकरण को लेकर काफी सख्त है, और पेपर लीक को लेकर एक उच्च स्तरीय कमेटी भी गठित की जा सकती है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।
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